Sunday 15 April 2012

मैं, एक राह गुज़र





















चल पड़ा था एक मुसाफिर
किसी मंजिल की तलाश में,
कुछ राहे, कुछ किनारे,
कुछ आसमान थे जो उसे पाने...

चल पड़ा था एक मुसाफिर
एक साहिल की तलाश में,
कोई चेहरा, कुछ बाते,
कुछ वादे जो थे उसे निभाने...

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