Thursday, 24 November 2011

Why is he so lonely ?

किस के लिए वो जागता है, उन अकेली तन्हा रातो में ?
किस का उसे इंतज़ार है, उन मदहोश बेताब फासलों में ?
क्यों  नहीं वो करता बातचीत, उन नटखट, सताने वाले तारो से ?
क्यों  नहीं पूछता वो कुछ, उन बिना मंज़िल के तैरने वाले बादलो से ?
क्यों  है वो इतना तन्हा इस जशन भरे आलम में,
किसका है उसे इंतज़ार उन अकेली तन्हा रातो में ?


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